भारतीय साड़ी ड्रेपिंग शैलियों की समृद्ध विविधता | Discover the Rich Diversity of Indian Saree Draping Styles


विविध शैलियों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय साड़ी ड्रेपिंग की दुनिया में गहराई से उतरें। पारंपरिक पोशाक की सुंदरता और बहुमुखी प्रतिभा का अनुभव करें | Delve into the world of Indian saree draping with a spotlight on diverse styles. Experience the beauty and versatility of traditional attire

ड्रैपिंग स्टाइल्स की बहुत सारी विधाएं होती हैं जो दुनिया भर में साड़ी पहनने के लिए उपयोगी हैं। यहां कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध साड़ी ड्रैपिंग स्टाइल्स हैं:

1. निविया स्टाइल (Nivi Style): यह दक्षिण भारतीय साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, जहां साड़ी को एक तरफ व्यापारी मार्ग से खींचकर उभराया जाता है और उसे ऊपर की ओर लपेटा जाता है।

2. गुजराती स्टाइल (Gujarati Style): इस स्टाइल में, साड़ी को पीछे से लपेटकर उंगली में बाँधा जाता है और उसे आगे की ओर लाया जाता है। इसे पतलू ड्रेप भी कहा जाता है।

3. बंगाली स्टाइल (Bengali Style): इस स्टाइल में, साड़ी को पीछे से लपेटकर शरीर के आसपास प्लीट बनाकर बाँधा जाता है।

4. लेहेंगा स्टाइल (Lehenga Style): इस स्टाइल में, साड़ी को लेहेंगा जैसे घेरे या कलाई तक लम्बा पैल्याद के रूप में पहना जाता है। यह स्टाइल शादी और उत्सवी अवसरों के लिए अधिक प्रचलित है।

5. माध्यमिक स्टाइल (Madisar Style): इस स्टाइल में, साड़ी को दो चोटियों में विभाजित किया जाता है और इन चोटियों को व्यापारी मार्ग से एक ऊंची कमरबंद के नीचे बाँधा जाता है। यह स्टाइल तमिलनाडु की परंपरागत साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।

6. कोंकणी स्टाइल (Konkani Style): यह स्टाइल कोंकणी साड़ियों के लिए प्रचलित है, जहां साड़ी को दो चोटियों में विभाजित किया जाता है और इन चोटियों को पीछे से अंगूठे में बाँधा जाता है।

7. मराठी स्टाइल (Marathi Style): इस स्टाइल में, साड़ी को शरीर के आसपास प्लीट बनाकर बाँधा जाता है और बढ़ती ओर साड़ी का एक हिस्सा लम्बा पल्याद के रूप में बनाया जाता है। यह सिर्फ कुछ प्रमुख साड़ी ड्रेपिंग स्टाइल्स की एक संक्षेप में जानकारी हैं। वास्तविकता में, भारतीय साड़ियों के बहुत सारे रीजनल स्टाइल्स हो सकते हैं, जो क्षेत्र और परंपरा के आधार पर भिन्न होते हैं। बिल्कुल! यहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृतियों से साड़ी ड्रेपिंग स्टाइल के और कुछ उदाहरण हैं:

8. कोड़गू स्टाइल (Kodagu Style): यह कर्नाटक, भारत के कोड़गू जिले से प्रारंभिक होता है। साड़ी को एक विशिष्ट तरीके से ड्रेप किया जाता है, जिसमें पल्लू को पीछे से उठाकर दाएं कंधे पर लाया जाता है।

9. महाराष्ट्रीयन नऊवारी स्टाइल (Maharashtrian Nauvari Style): यह पारंपरिक महाराष्ट्रीयन स्टाइल एक धोती की तरह साड़ी को ड्रेप करता है, जहां एक सिरा पैरों के बीच में छिपाया जाता है और दूसरा सिरा दाएं कंधे पर ढका जाता है।

10. राजस्थानी स्टाइल (Rajasthani Style): राजस्थान में साड़ी को एक अनूठे तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां पल्लू को पीछे से उठाकर दाएं कंधे पर लाया जाता है। पल्लू को अकसर आगे की ओर टकटकी में छिपाया जाता है, जिससे भारी दिखती है।

11. असमी स्टाइल (Assamese Style): असम में, साड़ी को मेखेला चादोर नामक दो भागों में ड्रेप किया जाता है। निचला भाग, जिसे मेखेला कहा जाता है, क मर में छिपाया जाता है, और ऊपरी भाग, चादोर, कंधे पर पहना जाता है और तन से ढक जाता है।

12. तमिल स्टाइल (Tamilian Style): तमिलनाडु में प्रसिद्ध होने वाले इस स्टाइल में, साड़ी को पुंखावर प्लीट की तरह बनाया जाता है और कमर में संदूक में छिपाया जाता है। पल्लू को बाएं कंधे पर लाया जाता है और चेस्ट को तारीखों के कोण में ड्रेप किया जाता है।

13. केरला स्टाइल (Kerala Style): पारंपरिक मलयाली स्टाइल में, साड़ी को मुंडू (एक पारंपरिक वस्त्र) की तरह ड्रेप किया जाता है। साड़ी को कमर में बांधा जाता है और फिर बाएं कंधे पर ले जाया जाता है, जहां पल्लू पीछे से लटकती है।

14. बंगाली स्टाइल (अंतिम ड्रेप) Bengali Style (Ultimate Drape): यह स्टाइल बंगाली शादियों और उत्सवी अवसरों में आमतौर पर देखा जाता है। साड़ी को आगे की ओर अनेक प्लीट बनाकर ड्रेप किया जाता है और पल्लू को पीछे से लाकर बाएं कंधे पर ढका जाता है।

15. कश्मीरी स्टाइल (Kashmiri Style): कश्मीर में, साड़ी को एक अद्वितीय तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां पश्मीना नामक कश्मीरी शॉल का उपयोग किया जाता है। पश्मीना को ऊपरी शरीर को ढकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि साड़ी को कमर में बांधा जाता है। ये केवल कुछ उदाहरण हैं जो भारत में साड़ी ड्रेपिंग स्टाइल की समृद्धता को दर्शाते हैं। प्रत्येक स्टाइल अपने संस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रतिष्ठित करता है। आपका स्वागत है! यहां कुछ और कॉटन साड़ी ड्रेपिंग स्टाइल्स हैं:

16. केरला मुंडू स्टाइल (Kerala Mundu Style): यह स्टाइल केरल के पारंपरिक मुंडू वस्त्र से प्रेरित है। इस स्टाइल में, कॉटन साड़ी को मुंडू की तरह ड्रेप किया जाता है। साड़ी का निचला हिस्सा कमर में बांधा जाता है और उपरी हिस्सा बाएं कंधे पर ले जाया जाता है, जो छाती के अक्षरांश पर ड्रेप किया जाता है।

17. बंगाली ताँत स्टाइल (Bengali Tant Style): यह ड्रेपिंग स्टाइल पश्चिम बंगाल में प्रसिद्ध है और विशेष रूप से ताँत साड़ियों के साथ किया जाता है। साड़ी को परंपरागत बंगाली तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां आगे की ओर अनेक प्लीट बनाए जाते हैं और पल्लू बाएं कंधे पर ड्रेप किया जाता है।

18. महाराष्ट्रियन काष्ठ स्टाइल (Maharashtrian Kashta Style): यह स्टाइल महाराष्ट्र में आमतौर पर देखा जाता है, जहां कॉटन साड़ी को धोती की तरह ड्रेप किया जाता है। पल्लू को पीछे से लाकर आगे की ओर बाएं कंधे पर लिया जाता है।

19. ओडिया स्टाइल(Odia Style): ओडिशा में, साड़ी को एक अद्वितीय तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां आगे की ओर प्लीट बनाए जाते हैं और पल्लू बाएं कंधे पर ड्रेप किया जाता है। पल्लू आमतौर पर सुंदर डिज़ाइन और कढ़ाई से सजाया जाता है।

20. गोटा पट्टी स्टाइल (Gota Patti Style): यह स्टाइल राजस्थान में प्रसिद्ध है और साड़ी को परंपरागत तरीके से प्लीट के साथ ड्रेप किया जाता है। पल्लू पर गोटा पट्टी की कढ़ाई की जाती है, जो एक विस्तृत सोने या चांदी की धागा की कढ़ाई की एक रूप है।

21. गुजराती सीधा पल्लू स्टाइल (Gujarati Seedha Pallu Style): यह ड्रेपिंग स्टाइल गुजरात में चर्चित है, जहां साड़ी का पल्लू पीछे से लाकर बाएं कंधे पर ड्रेप किया जाता है। पल्लू में अक्सर सुंदर कढ़ाई या मिरर काम की ज़रूरत होती है।

22. मदिसर स्टाइल (Madisar Style): यह स्टाइल तमिल ब्राह्मण समुदाय द्वारा पालन किया जाता है। कॉटन साड़ी को एक विशेष तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां प्लीट्स पीछे से लिए जाते हैं और पल्लू बाएं कंधे पर ड्रेप किया जाता है।

23. उत्तर पूर्वी स्टाइल(North-Eastern Style): भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपने खुद के विशेष ड्रेपिंग स्टाइल हैं। उदाहरण के लिए, मणिपुर में, साड़ी को इनाफ़ि नामक एक विशेष तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां साड़ी को कमर में लपेटकर और पल्लू को छाती के अक्षरांश के बाएं ओर लिया जाता है।

24. आंध्र प्रदेश स्टाइल(Andhra Style): आंध्र प्रदेश में, कॉटन साड़ी को एक अद्वितीय तरीके से ड्रेप किया जाता है, जहां आगे की ओर प्लीट्स बनाए जाते हैं और पल्लू बाएं कंधे पर ड्रेप किया जाता है। प्लीट्स आमतौर पर पीछे की ओर कमर में चिढ़ाई जाती है।

25. कश्मीरी फेरान स्टाइल (Kashmiri Pheran Style): कश्मीर की पारंपरिक परिधान के प्रेरणा से यह ड्रेपिंग स्टाइल होता है, जिसमें कॉटन साड़ी के ऊपर एक फेरान, जो एक ढीले पहनावे वाला वस्त्र होता है, पहना जाता है। फेरान साड़ी के ऊपर एक गर्माहट और आकर्षण जोड़ता है।

ये कुछ अधिक कॉटन साड़ी ड्रेपिंग स्टाइल्स हैं जिन्हें आप अपनी साड़ी के साथ आजमा सकती हैं। प्रत्येक स्टाइल अपनी खासियत और भारतीय सांस्कृतिक विविधता को प्रतिबिंबित करता है।

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